(ग) श्वेत रुधिराणु का अभाव एवं न्यूनता होने पर (प्राथमिक एवं अनुगामी एग्रेन्यूलोसाइटोसिस में)।
2.
शरीर की सफाई-रक्त की श्वेत रुधिराणु मृत एवं टूटी-फूटी कोशिकाओं के कचरे व अन्य निरर्थक वस्तुओं का भक्षण करके इन्हें नष्ट करते हैं।
3.
रोगों से सुरक्षा-शरीर के किसी भी भाग पर हानिकारक जीवाणुओं, विषाणुओं व रोगाणुओं आदि का आक्रमण होते ही रुधिर के श्वेत रुधिराणु इनका भक्षण करके इन्हें नष्ट कर देते हैं।